हिंदू धर्म में, भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देवता माना जाता है। उन्हें बुद्धि, सौभाग्य और शुभ कार्यों के आरंभकर्ता के रूप में जाना जाता है। किसी भी पूजा-पाठ या नए कार्य की शुरुआत करने से पहले, गणेश जी की आराधना करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता मिलती है।
गणेश जी की भक्ति का एक सरल और सुंदर तरीका है उनकी आरती करना। आरती का अर्थ है प्रकाश (prakash – light), अर्थात ज्योति जलाकर भगवान का स्वागत और स्तुति करना। आरती के दौरान, भक्त भगवान गणेश को विभिन्न प्रकार के उपहार चढ़ाते हैं, जैसे पुष्प, धूप और मिठाई। माना जाता है कि आरती करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, वातावरण शुद्ध होता है और मन को शांति मिलती है।
गणेश जी की आरती हिंदी में :
गणपति बाप्पा … मौर्या |
मंगल मूर्ति … मौर्य |
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
Ganesh Ji Ki Aarti hindi mein with excellent video quality given below :